A Simple Key For Shodashi Unveiled
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एकान्ते योगिवृन्दैः प्रशमितकरणैः क्षुत्पिपासाविमुक्तैः
इस सृष्टि का आधारभूत क्या है और किसमें इसका लय होता है? किस उपाय से यह सामान्य मानव इस संसार रूपी सागर में अपनी इच्छाओं को कामनाओं को पूर्ण कर सकता है?
काञ्चीवासमनोरम्यां काञ्चीदामविभूषिताम् ।
वन्दे तामहमक्षय्यां क्षकाराक्षररूपिणीम् ।
क्लीं त्रिपुरादेवि विद्महे कामेश्वरि धीमहि। तन्नः क्लिन्ने प्रचोदयात्॥
यह उपरोक्त कथा केवल एक कथा ही नहीं है, जीवन का श्रेष्ठतम सत्य है, क्योंकि जिस व्यक्ति पर षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी की कृपा हो जाती है, जो व्यक्ति जीवन में पूर्ण सिद्धि प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है, क्योंकि यह शक्ति शिव की शक्ति है, यह शक्ति इच्छा, ज्ञान, क्रिया — तीनों स्वरूपों को पूर्णत: more info प्रदान करने वाली है।
As one particular progresses, the next stage consists of stabilizing this newfound awareness via disciplined tactics that harness the head and senses, emphasizing the critical purpose of Electricity (Shakti) During this transformative procedure.
ह्रींश्रीर्मैंमन्त्ररूपा हरिहरविनुताऽगस्त्यपत्नीप्रदिष्टा
या देवी हंसरूपा भवभयहरणं साधकानां विधत्ते
सावित्री तत्पदार्था शशियुतमकुटा पञ्चशीर्षा त्रिनेत्रा
For anyone who is chanting the Mantra for a particular intention, produce down the intention and meditate on it five minutes prior to commencing With all the Mantra chanting and 5 minutes after the Mantra chanting.
यस्याः शक्तिप्ररोहादविरलममृतं विन्दते योगिवृन्दं
The worship of Goddess Lalita is intricately connected With all the pursuit of both worldly pleasures and spiritual emancipation.
सर्वभूतमनोरम्यां सर्वभूतेषु संस्थिताम् ।